बस से हुआ बुर का इंतजाम-2

Bus se hua bur ka intezam-2

अब मैं उसको पूरी मस्ती के साथ चूम रहा था और वो भी मेरा साथ दे रही थी और इसी मस्ती में उसने ने मेरा शर्ट खोल दिया और मुझे ज़ोर से पकड़ कर चूमने लगी।

अब वो भी पूरे जोश में थी। मैंने भी उस की टी-शर्ट और जीन्स उतार दी और अब वो ब्रा और पैंटी में थी। कम से कम बीस मिनट तक हम दोनों ने एक-दूसरे को चूमा।

चूमते-चूमते ही मैंने उसका ब्रा खोल दिया। जैसे ही उसकी पैंटी मे अपना हाथ डाला वो एकदम से सिहर उठी।

उसकी चूत एकदम गर्म थी जैसे को आग लगी हो। चूत एकदम साफ थी शायद उसने आज ही चूत की सफाई की थी वो इतनी कामुक हो चुकी थी कि उसकी चूत एकदम गीली थी।

अब हम दोनों ने चूमना बंद किया और मैंने उसकी पैंटी उतार फेंकी। अब वो पूरी तरह नंगी थी।

क्या बदन था उसका, एकदम दूध जैसा सफेद, उसके बूब्स तो क्या कहना, ना तो ज्यादा बड़े ना ही ज्यादा छोटे, एकदम गुलाबी निप्पल जो एकदम टाइट हो चुके थे।

उसकी शेव की हुई चूत एकदम गुलाबी थी। देखने मे ऐसा लग रहा था जैसे किसी कुँवारी कन्या की चूत हो, जो कभी भी चुदी ना हो। मैं तो उसे देखता ही रह गया।

मैं जिस तरह उसे देख रहा था वो मुझे देख कर बोली – कभी नंगी लड़की नहीं देखी क्या?

मैंने कहा – नहीं यार, आपको पहली बार देखा है, ऐसा लग रहा है जैसे कोई अप्सरा मुझसे चुदने आई है। आज तो मेरा नसीब खुल गया।

इस पर वो हंस पड़ी और उसकी नज़र मेरे निक्कर पर गयी मेरा लंड तो जैसे उसी की चूत को सलामी दे रहा था, ये देख उसने ने मेरी निक्कर उतार दी, अब हम दोनों ही नंगे हो चुके थे।

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मैंने कहा – मैंने कभी किसी के साथ सेक्स नहीं किया तो वो बोली कि उसने भी कभी सेक्स नहीं किया है। मगर बहुत ब्लू फिल्म देखी है इसलिए जानती है कि सेक्स का पूरा मज़ा कैसे लिया जाता है।

उसने कहा कि अब तुम मेरी चुचियों को चूसो और दबाओ मैं एक हाथ से एक चूची को पकड़ कर दबा रहा था और एक चूची को चूस रहा था।

वह मस्ती मे उफफफफफ्फ़.. आअहह.. की आवाज़े निकाल रही थी कुछ देर बाद जब मैंने दोनों चुचों को चूस लिया तब उसने मुझसे कहा – अब तू मेरी चूत को चाट।

मैंने कहा – ठीक है। मैं और वो 69 की पोज़िशन में आ गये और उसने अपनी गीली चूत मेरे मुँह के उपर रख दी, मैं उसकी चूत के दाने (क्लाइटॉरिस) को अपनी जीभ से चाटने लगा और वो मेरे लंड को मुँह मे लेकर अपने मुँह को चोदने लगी।

मैं तो जैसे जन्नत मे आ गया था। वो इस तरह से मेरे लंड को चूस रही थी कि मैं क्या बताऊँ।

कुछ ही देर में वो अपनी चूत को मेरे मुँह के उपर दबाने लगी और उसकी चूत से सफेद रंग का रस निकालने लगा।

उस रस का स्वाद थोड़ा सा नमकीन था। मैं उसे चाटने कि सोच ही रहा था कि वो बोली – चाट लो इस रस को बहुत मज़ा आएगा तुम्हें और मैं सारा रस चाट गया।

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वो मेरा लंड बड़े मज़े से चूस रही थी। उसने मेरे लंड को चूस-चूस कर एकदम कड़क कर दिया था।

अब मैंने अपने लंड के सुपाड़े को उसकी चूत पर धीरे से रखा और धीरे से धक्का. लगाया, उसके मुहह से आहह.. कि आवाज़ आई।

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मैंने पूछा – क्या हुआ? वो बोली – कुछ नहीं, मैं कभी चुदी नहीं हूँ ना इसलिए मेरी चूत टाइट है और तुम्हारा लंड मोटा है इसलिए लंड को अंदर जाने से मुझे तकलीफ़ हो रही है।

मैंने कहा – कोई बात नहीं, थोड़ी देर के बाद मज़ा आने लगेगा। अब अपने लंड को मैंने उसकी चूत पर रखा और एक ज़ोर का धक्का मारा इस धक्के से उसकी चीख निकल गई और उनके आँखो में आँसू आ गये।

ये सब देख मैं रुक गया और उसकी आँखो मे आँसू देख कर अपना लंड बाहर निकाल लिया। इस पर उसने कहा – तुम रूको मत, बस आज चोद दो मुझे।

मैं चुदने के लिए बहुत तड़पी हूँ, अब तक गाजर और मूली से ही काम चलती आई हूँ। आज लंड मिला है तो चुद कर ही रहूँगी, चाहे कितना भी दर्द क्यूँ ना हो।

मैंने एक ज़ोर का झटका मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया, वो दर्द से कराह रही थी। मैंने थोड़ी देर उसको चूमा और धीरे-धीरे शॉट लगाना शुरू किया।

कुछ देर तक उस को दर्द हुआ पर अब वो मज़े लेने लगी थी, अब वो मादक आवाज़े निकल रही थी। आआहह.. धीरे-धीरे मैंने अपनी रफ़्तार तेज की और वो भी पूरी जोश में आ गयी और अपने चूतड़ को उठा-उठा कर चुदवाने लगी।

वह कहने लगी – बस चोदते रहो, मेरे राजा बड़ा मज़ा आ रहा है और उसकी बातें सुन कर मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। मैंने अब और तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया करीब नौ मिनट बाद मुझे ऐसा लगा जैसे कि मैं झड़ने वाला हूँ तब मैंने उससे कहा कि मैं झड़ने वाला हू।

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उसने मुझे कहा – थोड़ी देर रूको और मुझे चुम्मो, मैंने ऐसा ही किया और पाँच मिनट बाद फिर शॉट लगाना शुरू किया।

कुछ मिनट बाद फिर मैं झड़ने वाला था अब वह भी शायद झड़ने वाली थी इसलिए वो लगातार बोल रही थी – और ज़ोर से धक्के लगाओ, और ज़ोर से चोदो मुझे और अपने चुत्तड़ को उठा-उठा कर चुदवाने लगी।

मैं बस झड़ने वाला था और शायद वो अब झाड़ चुकी थी। वो बोली – यार, तुम अपना पानी मेरी चूत में ही डालो और मैंने अपनी रफ़्तार काफ़ी तेज कर ली और उसकी चूत मे झड गया।

झड़ते ही मैं उस के उपर निढाल होकर गिर गया, कुछ देर मैं ऐसे ही पड़ा रहा। दस मिनट बाद हम दोनों अलग हुए वह बोली कि तुम तो बहुत अच्छी चुदाई कर लेते हो, आज तो तुमने मेरी मेरी चूत की प्यास बुझा दी।

मैं मुस्कुराया और उसके होंठो को पकड़कर चूमने लगा। मैंने उस रात उसे दो बार चोदा और दोनों नंगे ही सो गये। अगले तीन दिन तक हमने लगातार सेक्स किया।

उसके छह दिन बाद मेरी नौकरी रोहिणी में लग गई और कुछ दिन बाद उसकी भी नौकरी लग गई मगर उसकी कंपनी ने उसको बैंगलोर भेज दिया।

अब मैं अकेला हो गया हूँ और उसका इंतेज़ार कर रहा हूँ कि वो कब आएगी या फिर कोई और लड़की कब मिलेगी।

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