दोस्त की बहन रश्मि की रेशमी चूत 2

Dost ki behan rashmi ki reshmi chut-2

मैंने उसको कस कर पकड़ रखा था। मैं उसके जिस्म को महसूस कर रहा था। थोड़ी देर में जब हम अलग हुए वह बोली, जानू अब जाती हूँ, भैया आने वाले है।

उसने कहा रात में बात करेंगे। मैंने कहा, रात में बातें करते है या वह करते है?

रश्मि बोली, हटो जाने दो। वह जाने लगी, मैं उसके पीछे-पीछे दरवाज़े तक गया, जैसे ही उसने दरवाज़ा खोलने की कोशिश की मैंने पीछे से उसकी कमर को पकड़कर खींचा और गर्दन में चूम कर आई लव यू बोला।

वह बोली जाने दो ना, कल आऊँगी ना। मैंने उसके कूल्हों में थपकी दे कर कहा, आना पर वापस मत जाना। वह हँसती हुई चली गयी।

ये मेरी जीत थी। मैंने दरवाज़ा लगाया और वहीं खड़े होकर मूठ मार दी। रात में उसका फ़ोन आया, थोड़ी देर यहाँ-वहाँ की बातें करने के बाद अचानक उसने पूछा, जानू तुमने मेरे पीछे हाथ क्यों मारा था?

मैंने नाटक किया, कब मारा? कहां मारा? क्यों झूठ बोलती हो?

मैंने तुम्हारा कुछ नहीं मारा ना मारी। वह बोली, झूठे मेरी कमर के नीचे आते वक़्त हाथ नहीं मारा था।

मैंने कहा, हाँ यार! मारा था। वह अच्छे लग रहे थे इसलिए मारा।

उसने कहा और क्या-क्या अच्छा लगता है? मैंने सब कुछ विस्तार से बताया। वह सुनती रही।

आखिर में बोली, तुम तो काफी ज़्यादा अच्छा लगा रहे हो मुझ में। मैंने कहा, कल आओ तो और भी अच्छा लगने लगेगा।

उसने कहा, मैं नहीं आऊँगी। क्यों आऊँ और फ़ोन काट दिया।

कुछ देर बाद उसका मैसेज आया, कल दिखना क्या दिखाओगे? मैं भी देख लूंगीं।

मैंने वापस मैसेज किया की जो देखना है वह हाथ में है लंड।

अगले दिन मैंने सारी ट्यूशंस की छुट्टी कर दी। वह तीन बजे आ गई।

मैंने दरवाज़े को बंद करते ही उसको दरवाज़े से ही सटा कर चूमना शुरु कर दिया।

वह भी ज़ोर-ज़ोर से साँसे लेने लगी। मैं चूमना बंद ही नहीं कर रहा था।

वह बोली, तुम जो शुरु करते हो बंद क्यों नहीं करते, यहीं सब करोगे। दरवाज़े से सटा रखा है, बिस्तर में चलो प्लीज।

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मैंने उसको गोद में उठा लिया और बिस्तर में ले जाकर चूमने लगा। बेतहाशा चूमने से वह जोश में आ गई।

उसने भी मुझे चूमना शुरु कर दिया। मैंने कहा, तुमको मैं सारी रात चूमने में बिता सकता हूँ।

वह बोली, सारी रात चूमोगे तो करोगे कब? मैंने कहा, अभी करूँगा।

मैंने उसका सूट उतारने के लिए पकड़ा, वह काफी टाइट था। मैंने कहा, तुम इतने टाइट कपड़े पहनती हो कि सारा साइज़ दिख जाता है।

उसने सूट उतार के कहा, क्या-क्या साइज़ दिखता है? मैंने कहा कि तुम कमाल की हो, हर अंग तराशा हुआ है। तुम बड़ी मस्त चीज़ हो यार।

अगले ही पल जब मैंने उसे ब्रा-पैंटी में देखा तो झट से ब्रा खोल दी। दो चमकते हुए दूध देख कर मैं पागलों की तरह उनको चूसने लगा।

वह अपने दूध को खुद पकड़ कर मेरे मुँह में दे दे कर पिला रही थी। मैंने, उसकी पैंटी में हाथ डाला तो चूत एकदम चिकनी थी, एक भी बाल नहीं था और एकदम गीली थी।

मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि मैं उस लड़की के साथ हूँ जो एक सपना सी हो गई थी।

मैंने उसकी पैंटी को हटा दिया, उसकी चूत को देख कर लगा मानो जम कर चुदी हो, लेकिन उसकी चूत थी अच्छी।

मैंने उसकी चूत में उंगलिया डालनी शुरु की तो वह बोली, अपना पिलाओ ना।

मैंने कहा, ठीक से बोलो। वह बोली, अपना लंड पिलाओ न। मैंने अपने सारे कपड़े हटाए और उसके मुँह में लंड दे दिया।

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वह मस्ती से लंड चूस रही थी। मैं पीछे हाथ कर उसकी चूत में उंगलिया कर रहा था।

फिर मैंने अपना लंड निकला और उसकी टांगें खोल कर चूत में लंड रख कर घुसा दिया। वह म्म्म्ममममममममममह हहाननाना आहहाहहहा… करने लगी।

मैंने उसे चोदना शुरु कर दिया वह आपने दूध दबाते हुए आहहाहहा… करने लगी। मैं उसके दूध चूसने की कोशिश कर रहा था।

मैंने उसको कहा कि तुम जितनी सुंदर बाहर से दिखती हो उस से कहीं ज़्यादा तो तुम कपड़ो के अंदर से सुंदर लगती हो और बिस्तर में तो तुम अच्छी खिलाड़ी महसूस हो रही हो।

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उसने कहा, दो साल से लंड नहीं मिला था आज बहुत दिनों बाद मिला है। चुदने में मज़ा आ रहा है वह बोली, जल्दी से चोद दो फिर गांड मारना।

मैंने कहा, सच में तुम मुझसे गांड मरवाओगी। वह बोली हाँ। मैंने खुशी के मारे और जल्दी-जल्दी चोदना शुरु कर दिया, वह भी जोश में साथ दे रही थी।

मैंने कहा, तुम तो मस्त हो, तुमने गांड मरवाई है इसीलिए तो इतना शानदार शेप है।

वह मुस्कुराई तभी मैं जल्दी-जल्दी चोदने लगा और शायद उसका भी चरम बिंदु आ चुका था, मेरा काम तमाम हुआ तो साथ में उसका भी काम खत्म हो गया।

मैंने उसकी चूत के अंदर ही अपना माल गिरा दिया।

फिर हम दोनों लिपट कर लेट गये, बिस्तर में थोड़ी देर लेटे रहे, फिर कुछ देर बाद मैं फिर से जोश में आने लगा। मैं उसके ऊपर लेट गया और उसके बालों से खेलते-खेलते कहा, तुम बहुत प्यारी, खूबसूरत और सेक्सी हो।

काश तुम हमेशा मेरे साथ रहो। वह बोली, हम दोनों का साथ रहेगा चिंता मत करो।

उसने मुझे नीचे लिटा दिया और खुद मेरे पैर के पंजे का अंगूठा चूसने लगी। फिर वह धीरे-धीरे चूमती हुई ऊपर को आई और उसने जब लंड को मुँह में लेकर चूसा तो वह पहले से ज़्यादा कड़क हो गया।

उसने कहा, तुम अब तैयार हो गये हो, अंदर जाने दो और वह मेरे लंड को पकड़ कर अपनी गांड में लगा कर बैठ गयी। बड़े आराम से लंड अंदर घुस गया।

मुझे अहसास हुआ कि इसकी जबरदस्त चुदाई की गई है।

वह खुद ही उठ-बैठ कर चुदने लगी मैं उसके तने हुए दूध पकड़ कर खींचने लगा। वह बोली, तुम भी कम नहीं हो चोदने में।

मैंने कहा, तुम्हारी चुदाई करने में मज़ा आ रहा है। वह बोली, पीछे से आओ ना ऐसे में दिक्कत हो रही है।

मैंने उसको कुतिया बना कर (डॉगी स्टाइल में) पीछे से उसकी गांड में घुसा दिया। वह उउम्म्म्मममममममममह.. की आवाज़ निकालने लगी, उसके दमकते हुए कूल्हे देख कर मैं जोश में आ गया।

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मैंने कहा, तुम्हारे जैसी गांड मारने को मिले तो जोश कितना बढ़ जाता है। क्या शानदार गांड है तुम्हारी, मज़ा आ गया।

वह भी आगे-पीछे हो कर साथ दे रही थी, काफी देर तक हम दोनों लगे रहे फिर जब मेरा माल उसकी गांड में गिरा तो वह ऐसे ऊपर को होने लगी मानो उसके अंदर दो लंड समा जाए।

फिर हम अलग हुए अपने-अपने कपड़े पहने। उसने जा कर चाय बनाई। पांच बजने वाले थे तो जब वह घर जाने लगी मैंने कहा, यार! मत जाओ। वह बोली, जाना तो होगा लेकिन कल आऊँगी।

मैंने उसको गले लगा कर जाने दिया। रात में हम दोनों ने काफी देर तक बात की। अगले दिन फिर वह आई और हम दोनों ने चुदाई का मज़ा लिया।

जब तक वह रही लगभग हर रोज़ मैंने उसको चोदा, हर तरह से मज़ा लिया।

जब वह बोली कि कल मैं जा रही हूँ तो मैंने कहा यार! ऐसा कैसे चलेगा। तो उसने कहा, एक आइडिया है यहाँ से मेरा शहर 68 किलोमीटर दूर है, अगर तुम चाहो तो हर संडे को तुम आ जाया करो।

वहाँ हम लोग किसी होटल में दो घंटे तक मिल लिया करेंगे तब से मैं हर संडे को वहाँ जाता हूँ और वह सब्जी लेने या कोई और बहाना बना कर मेरे पास आ जाती है।

होटल में हम लोग दो घंटे तक चुदाई का मज़ा लेते है। अब तो वह होटल वाला भी जानता है की हम लोग किसलिए आते है इसलिए वह भी हमेशा हम दोनों के लिए रूम का इंतज़ाम कर के रखता है।

सच में मेरे दोस्त की बहन रश्मि जैसी लड़की जिसकी जिंदगी में होगी वह सबसे खुशनसीब होगा।

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