दोस्त से कराई बहन की चुदाई-1
Dost se karai bahen ki chudai-1
दोस्तो, मेरा नाम प्रतीक है, yachting4u.ru का बहुत पुराना पाठक हूँ। बहुत दिनों से मैं अपने जीवन की कहानी आप सभी लोगो के सामने प्रस्तुत करना चाहता था पर डरता था।
और लोगों की कहानियाँ सच्ची हैं या झूठी, मैं नहीं बता सकता पर मेरी कहानी सौ प्रतिशत सच है।
बात उन दिनों की है जब मैं अपने चाचा जी के साथ रहता था, घर में चाचा, चाची और उनकी बेटी जिसका नाम शशि है, रहते थे। वो जवान हो गयी थी, में उसका दीवाना था। उसके वक्ष 34 के आसपास होंगे और गाण्ड भी इतनी ही। पर मैं उसे चोदना नहीं चाहता था/
मेरा एक दोस्त था सचिन, वो जब भी मेरे घर आता तो मेरी बहन को घूर घूर कर देखता था। मुझे इस बात का पता था पर मन ही मन मैं सचिन को चाहता था और उससे चुदना चाहता था।
एक बार मैं घर पर अकेला था तो मैंने सचिन को घर पर बुला लिया, वो अपने साथ ब्लू फिल्म की सीडी लाया था। हम दोनों कई बार ब्लू फिल्म देख चुके थे। मैंने सीडी कम्पयूटर में लगाई और देखने लगा। मेरे अंदर लौड़ा लेने की वासना फूट रही थी। मुझे सीडी देख देख कर नशा सा छाने लगा, मैं सिसकारियाँ लेने लगा। मैं चाहता था कि सचिन मुझे जम कर चोदे।
अब मुझे सचिन को अपनी तरफ आकर्षित करना था। मैंने निकर पहनी हुई थी और सचिन मेरे साथ बैठा हुआ था। उसको आकर्षित करने के लिए मैं अपनी निकर ऊपर करने लगा पर उसका ध्यान मेरी तरफ नहीं था। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूँ।
तभी मेरे दिमाग में एक तरकीब आई, मैंने उससे चाय के लिए पूछा, उसके हाँ बोलने पर मैं चाय बनाने चला गया। हम बैठ कर चाय पीने लगे, तभी मैंने चाय अपनी निकर पर गिरा दी।
सचिन- क्या यार प्रतीक, आराम से चाय भी नहीं पी सकता? ठीक से फिल्म भी नहीं देखने देता।
मैं- सॉरी यार, अब क्या करूँ?
सचिन- अपनी निकर उतार कर धो दे, नहीं तो निशान पड़ जायेंगे।
मैं तो यही चाहता था, मैंने निकर उतार कर धो दी और फिल्म देखने लगे। फ़िर मैंने अपना अन्डरवीअर बिल्कुल ऊपर कर लिया और साथ में फिल्म देखने लगे।
फिल्म देखते देखते उसे भी सेक्स चढ़ने लगा। मैंने उसकी जांघ पर हाथ रख दिया, उसने भी अनजाने में मेरी जांघ पर हाथ रख दिया। मैंने उसके हाथ पर हाथ रख कर ऊपर की ओर खिसका दिया।
अब उसे शायद पता चल गया था कि मैं क्या चाह्ता हूँ।
सचिन- साले, अगर तू लड़की होता तो आज मजा आ जाता।
मैं- बोल तो तू सही रहा है पर क्या कर सकते हैं?
सचिन- पर तेरी जांघें तो लड़की जैसी गोरी-चिकनी ही हैं।
मैं- थैंक यू !
सचिन- बुरा न मानो तो एक बात बोलूँ?
मैं- बोलो !
सचिन- क्या तुम आज लड़की की कमी पूरी कर सकते हो?
मैं- ठीक है, लेकिन बस थोड़ी देर और आज के बाद कभी नहीं।
मैं तो ख़ुशी में पागल हुआ जा रहा था।
उसने एक एक कर के मेरे सारे कपड़े उतार दिये। मैंने बस अन्डरवीअर पहना था। उसने अपनी पैंट उतारी और फिर अपनी अन्डरवीअर में से अपना 7 इंच का लौड़ा निकाला। उसे देखते ही मैं पागल हो गया। उसने मेरा अन्डरवीअर भी उतार दिया और कमरे में ले गया।
उसने मुझे बिस्तर पर गिराया, फिर मेरे ऊपर आ गया और अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया..यह कहानी यौन कथाओं की असली साईट yachting4u.ru पर प्रकाशित हुई है।
मैं उसे चूसने लगा, मुझे मजा आ रहा था। फिर थोड़ी देर बाद वो मेरे मुँह को चोदता रहा।
मैं- सचिन अब रहा नहीं जाता यार ! गाण्ड मार ले मेरी जल्दी से !
सचिन- नहीं, बस मैं यही चाहता था, और कुछ नहीं।
मैं गिड़गिड़ाने लगा तो फिर वो बोला- एक शर्त पर !
मैं- क्या?
सचिन- यार तेरी बहन बहुत सेक्सी है, मैं उसे चोदना चाहता हूँ, तू उसमें मेरी मदद करेगा।
मैं- हाँ हाँ ! मैंने कब मना किया !
सचिन खुश हो गया, उसने मुझे घोड़ी बनाया और तेल लगा कर घुसाने लगा।
15 मिनट की मेहनत के बाद आखिर उसका पूरा लौड़ा मेरी गाण्ड में था।
उसके बाद उसने मुझे कई बार कुत्ते की तरह चोदा, मैं उसे अपनी बहिन का लालच देकर रोज़ चुदता।
मैं उसे सारी सच्चाई बता चुका था कि मुझे लौड़े पसंद हैं।
मेरे कहने पर उसने मुझे अपने दोस्तों से भी चुदवाया।
पर अब मैं उसे ज्यादा दिनों तक टाल नहीं सकता था।
वो बोला- अब जब तक तू अपनी बहन नहीं चुदवायेगा, मैं तुझे नहीं चोदूँगा।
और मुझे मानना पड़ा।
एक दिन चाचा-चाची बाहर गए हुए थे, मैं और मेरी बहन शशि घर पर अकेले थे। मैंने सचिन को घर पर बुला लिया। मेरी बहन ने चाय बनाई और अपने कमरे में सोने चली गई।
अगले भाग में कहानी समाप्त-