मालिक की जवान बेटी को चोदकर अपना बिस्तर गर्म किया

हेल्लो दोस्तों मैं पिंकू आप सभी का yachting4u.ru में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से इसका नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानीसभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है।

दोस्तों आप लोग अक्सर सुनते होंगे की कई बार नौकर लोग मालिक की जवान बेटी को चोद लेते है। और कई बार तो मार पीट भी हो जाती है। नोयडा का बहुचर्चित आरुषी हत्याकांड भी इसी तरह का काण्ड था जिसमे मालिक के नौकर को अपनी लड़की आरुषि को चोदते देख लिया था तो उसे पीट पीट कर मार डाला था। उस घटना को सुनने के बाद मैंने कई दिनों तक अपने मालिक की लड़की अंतिका से बात नही की थी। मेरे मालिक एक बड़े आई ए एस अधिकारी थे। वो मथुरा में डीएम के पद पर नौकरी कर रहे थे। मैं उनके बंगले पर पिछले 5 सालो ने नौकर था। घर का सब तरह का काम मैं करता था। झाड़ू पोछा, साफ सफाई, बगीचे की साफ़ सफाई, कार धोना सब मेरे ही जिम्मे था। धीरे धीरे मुझे मालिक की बेटी अंतिका बहुत अच्छी लगने लगी।

वो 20 साल की जवान और सेक्सी माल थी। उसे मैं पिछले 5 सालों से देख रहा था। जब वो 15 साल की थी तब ही उनकी चूचियां 34” की हो गयी थी। उसका फिगर 34 28 30 का था। अंतिका अभी पढ़ रही थी। वो जादातर जींस टॉप, बेबी ट्रैक सूट पहनती थी। जब भी अपनी किसी फ्रेंड के बर्थडे में जाती थी वो मिनी स्कर्ट और टॉप पहनकर जाती थी। दोस्तों अंतिका को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था और मन करता था की उसे चोद लूँ। मिनी स्कर्ट में तो उसके सफ़ेद चिकने पैर बहुत ही खूबसूरत लगते थे। सुबह वो उठकर बगीचे में जोगिंग करती थी। मैं तो हर समय उसे ही ताड़ता रहता था।

नीली जींस में उसकी पतली कमर क्या खूब लगती थी। अंतिका अपने पुट्ठो को मटका मटकाकर चूतड़ पीछे की तरफ निकाल कर चलती थी। उसके कसे टॉप में उसके मम्मे किसी मुसम्मी की तरह दिखते थे। मैं घर का नौकर था इसलिए मैं ही अंतिका को कार से कॉलेज छोड़ने जाता था। फिर लाने भी जाता था। अंतिका की टी शर्ट या टॉप हमेशा उपर की तरफ उठा रहता था और नीचे जींस तक के बीच में उसका चिकना गुलाबी पेट और कमर साफ़ साफ दिखता था। अंतिका की भरपूर जवानी देखकर मैं कई बार बाथरूम में मुठ मार चूका था। मेरे मालिक की बेटी अंतिका मुझे पिंकू भैया कहकर बुलाती थी। दोस्तों एक दिन रात के 9 बजे मैं उसके लिए दूध होर्लिक्स मिलाकर उसे देने गया था। अंतिका का कमरा बंगले में पहली मंजिल पर था। उस दिन मेरे मालिक और मालकिन बाहर शौपिंग पर गए थे। मालकिन बोल गयी थी की सोने से पहले मैं अंतिका को होरलिक्स वाला दूध पिला दूँ। मैं जब उपर अंतिका के कमरे में गया तो दरवाजा खुला था।

“अंतिका बेबी!!” मैंने आवाज लगाई

कोई नही बोला। फिर मैंने बाथरूम का दरवाजा खुला देखा। अंदर मैंने झाककर देखा तो मेरी गांड फट गयी। मेरे मालिक की बिगड़ी और अईयाश बेटी बाथटब में लेटी हुई थी और पूरी तरह से नंगी थी। वो लक्सरी बाथरूम में जवानी के मजे लूट रही थी। मेरे मालिक की बेटी अंतिका पूरी तरह से नंगी थी और अपनी चूत में एक बड़ा सा डिलडो डालकर अंदर बाहर कर रही थी। ये सब देखकर मेरी गांड फट गयी थी। मैं एक कोने में छिप गया और सारा कांड देखने लगा।

अंतिका “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” की कामुक आवाजे निकाल रही थी। वो बड़ा सा 10” का मोटा डिलडो अपनी चूत में डालकर जल्दी जल्दी अंदर बाहर कर रही थी और भरपूर मजा ले रही थी। ये देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था। मेरा अंतिका को चोदने का मन कर रहा था। फिर अंतिका बाथटब में लेट गयी और दोनों पैर खोलकर इतनी जल्दी जल्दी डिलडो चलाने लगी की दोस्तों आपको क्या बताऊं। कुछ देर बाद उसकी रसीली चुद्दी का झरना फूट पड़ा और अंतिका की बुर अपना पानी छोड़ने लगी। वो तडप रही थी। “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” की सिसकियाँ निकाल रही थी। उसकी चूत से 8 10 बार पानी की पिचकारी निकली। काफी देर तक निकलती रही। तब जाकर मेरे मालिक की बेटी को आराम मिला।

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“अंतिका बेबी!! मैं दूध ले आया हूँ!!” मैंने कहा

वो इकदम से डर गयी। मैंने बाथरूम का दरवाजा खोल दिया। अंतिका जल्दी से बाथटब से खड़ी हो गयी और बाहर आ गयी। उसने एक टावेल जल्दी से खींची और अपने सीने को छुपा लिया।

“पिंकू भैया!! आपने क्या देखा???” वो घबराकर बोली

“ ….यही की तुम अपनी चूत में डिलडो डालकर मजा ले रही थी” मैंने कहा

“पिंकू भैया आप वादा करो की इसके बारे में पापा मम्मी को नही बताओगे” अंतिका बोली

“ठीक है मैं नही बताऊंगा” मैंने कहा

“पर इसके बदले मुझे क्या मिलेगा” मैंने कहा

“पिंकू भैया!! तुम मुझे कसके चोद लो। अगर तुम मुझे रोज रात में आकर चोद लिया करो तो मैं ये आरटीफीशियल डिलडो से क्यू काम चलाऊं। पिंकू भैया! तुम मुझे चोद लो पर पापा मम्मी को इसके बारे में नही बताना” अंतिका बोली

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“ठीक है” मैंने कहा

फिर मैंने अपनी शर्ट पेंट निकाल दी। अपना अंडरवियर मैंने उतार दिया। दोस्तों मेरा लंड 7” लम्बा था और काफी मोटा था। मैं अंतिका के साथ बाथटब में लेट गया। वो मेरा लंड हाथ में लेकर फेटने लगी। हम दोनों पूरी तरह से बंगले में अकेले थे। हम दोनों मजे करने लगे। अंतिका जल्दी जल्दी मेरे लंड को चूसने लगी। उसने मेरे लंड को पकड़ कर जल्दी जल्दी उपर नीचे करके फेटने शुरू कर दिया। मुझे मजा आ रहा था। फिर वो मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी। दोस्तों मैं उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ की आवाज निकाल रहा था। अंतिका जल्दी जल्दी अपने सिर को हिला रही थी। उसे भरपूर मजा मिल रहा था। मैंने बाथटब के किनारे पर अपने दोनों हाथ आराम से रख दिए और अपने मालिक की चुदासी लड़की के साथ मुख मैथुन करवाने लगा।

कुछ देर बाद तो अंतिका किसी चुदक्कड़ लडकी की तरह मेरा लंड चूसने लगी। उसे भरपूर मजा आ रहा था। मैं उसकी नंगी और चिकनी पीठ पर हाथ से सहलाने लगा। अंतिका तो मस्त लड़की निकली। उसने बताया की उसने ब्लू फिल्मो में इसी तरह लड़की को लंड चूसते देखा था, वही से वो सीख गयी। कुछ देर बाद अंतिका के हाथो की रफ्तार बढ़ गयी और वो बिजली की रफ्तार से मेरा लंड फेटने लगी। मैं गर्म गर्म आवाजे निकाल रहा था। अंतिका तेज तेज अपने सिर को आगे पीछे करके मेरा मोटा लंड चूस रही थी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। उसके रसीले और गुलाबी होठ मेरे लंड पर जल्दी जल्दी दौड़ रहे थे। मैं जन्नत में पहुच गया था। वो मेरे सुपाड़े को अच्छे से चूस रही थी। मैं उसकी चुचियों को दबा रहा था और निपल्स को अपनी ऊँगली से छेड़ रहा था। वो मेरे लौड़े से मंजन कर रही थी।फिर वो मेरी गोलियों को मुंह में लेकर चूसने लगी। मुझे चरम सुख मिलने लगा। काफी देर तक मेरे मालिक की लड़की ने मेरी गोलियां चूसी। फिर मैंने उसको अपने पास खीच लिया और उसके खूबसूरत मम्मे दबाने लगा। दोस्तों अंतिका की जिस्म बहुत खूबसूरत था। उसके दूध तो बेहद सेक्सी थे।

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अंतिका की नंगी छातियों पर मैंने अपने हाथ रख दिए। उफ्फ्फ्फ़!! कितने मस्त, कितने बड़े बड़े दूध थे उसके। इतने सुंदर मम्मे मैंने आज तक नही देखे थे। मैं हाथ से उसके पके पके आमों को दबाने लगा। अंतिका को भी मजा आ रहा था। वो “ “आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह….” करके सिसकी लेने लगी। मैं खुद को रोक न सका। अंतिका सिसकने लगी। मैं और जोर जोर से उनकी नर्म नर्म छातियाँ दबाने लगा। वो और जोर जोर से सिसकने लगी। फिर मैं उसके पके पके आमों को मुँह में भर के पीने लगा। हम दोनों बाथटब में ही अईयाशी कर रहे थे। मैं अपने नुकीले दांतों से उसकी मुलायम मुलायम छातियों को काट काटकर पी रहा था। दांतों से चबा चबा कर मैं उसकी मस्त मस्त उजली उजली छातियाँ पी रहा था। कसम से दोस्तों, ये दृश्य बहुत मजेदार था। मैं अपने मालिक की लड़की की छातियों को भर भरके पी रहा था। मैं पूरे मजे मार रहा था। वो छातियाँ शायद दुनिया की सबसे रसीली, गोल और शानदार छातियाँ थी।

मैं तेज तेज मुंह में भरकर अंतिका की चूची पीने लगा था। मेरा लंड पूरी तरह खड़ा हो गया था और अंतिका की चूत मारने को बेक़रार था। मैं हपर हपर करके लपर लपर करके उसकी नुकीली नारियल जैसी दिखने वाली बेहद कमसिन चूचियों को मुँह में भरके पी रहा था। अंतिका के दूध इतने मुलायम मक्खन की तरह थे की मेरा दांत उसमे अपने आप गड़ जाते थे और निशान बन जाते थे।

उसके बाद मैंने उसे बाथरूम टब में ही लिटा दिया और उसके पैर खोलो को सहलाने लगा। उसके पैर बहुत सुंदर और चिकने थे। मैं अंतिका के जिस्म पर सब जगह हाथ लगा रहा था। वो काम और वासना की साक्षात मूर्ति लग रही थी। मैं अब उसपर लेट गया और उसकी नाभि में जीभ डालने लगा। अंतिका“……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की सेक्सी आवाज निकाल रही थी। मैं जल्दी जल्दी नाभि को चूस रहा था, पी रहा था, अपनी ऊँगली उसमे कर रहा था। मेरे मालिक की बेटी लंड खाने के लिए तडप रही थी। मैं उसकी कमर को हाथ से सहला रहा था और चूम रहा था।

फिर उसके पैर मैंने खोल दिए। अंतिका ने आज ही सायद अपनी झांटे बनाई थी। बिलकुल चिकनी और साफ चूत थी। चूत बहुत खूबसूरत थी दोस्तों। मैंने उसकी चूत की फांकों को खोल दिया। मैंने अपने ओंठ अंतिका की चूत पर रख दिए और लपर लपर करके पीने लगा। क्या मस्त लाल लाल चूत थी। मैं उसके चूत के दाने को अपने अंगूठे से घिसने लगा। इससे अंतिका को बड़ी जोर की चुदास चढ़ने लगी। उसके पुरे बदन में मीठी मीठी तरंगे दौड़ने लगी। मैं जोर जोर से अंतिका के चूत के दाने को घिसने लगा।

“आह आह पिंकू भैया !!…..आआआआअह्हह्हह… अई…अई…..मेरी चूत को आज अच्छे से पी लो लो लो लो” अंतिका बोली। उसकी बात सुनकर मैं और जादा आनंदित हो गया था। मैंने उसकी जांघो को और कायदे से खोल दिया और उसका भोसड़ा दिल लगाकर पीने लगा। मैं अब उसकी चूत के होठो को पी रहा था और किसी कुत्ते की तरह चाट रहा था। अंतिका को बड़ा अच्छा लग रहा था, वो सिसकरी ले रही थी। मेरी खुदरी जीभ उसकी मुलायम और संवेदनशील बुर को तड़पा रही थी। मेरे ऐसी काम क्रीडाये करने से उसको अजीब सा जुनून और नशा चढ़ रहा था। मैं इस वक़्त उसके साथ मुख मैथुन का आनंद उठा रहा था। मैं उसकी रसीली योनी को आज खा जाने वाला था। बाथटब में ही मैंने उसे लिटा लिया था। मेरी नुकीली जीभ उसकी चूत में अंदर तक घुस रही थी। ऐसा करने से अंतिका कापने लगी और उसने मेरे हाथो को अपने हाथ में ले लिया और कसकर पकड़ लिया।

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“पिंकू भैया…. आराम से मेरी बुर पियो वरना मैं मर जाऊँगी!!” अंतिका सेक्स और वासना के नशे में अपनी आँखे बंद करके ही बोली

दोस्तों अपने मालिक की जवान और चुदासी लड़की की चूत मैं अच्छे से पी चूका था। फिर मैंने अपना 7” का लम्बा लंड अंतिका की चुद्दी में डाल दिया और उसे चोदने लगा। वो आराम से चुदा रही थी। कोई बहाना नही बना रही थी। मैं महंगे बाथटब में अंतिका को लिटाकर पेल रहा था। वो बार बार अपना मुंह देती थी। “…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…पिंकू भैया मुझे आराम से पेलो वरना मेरी रसीली चूत फट जाएगी…..भैया आराम से” अंतिका बोली। मैं जल्दी जल्दी उसकी चूत को चोदने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैंने अंतिका की 28” की पतली कमर को दोनों हाथ से पकड़ रखा था। मैं उसकी चूत का केक अपने लंड रूपी चाक़ू से काट रहा था। अंतिका अपने होठो को दांत से चबा रही थी। अपनी चूची को खुद ही हाथ से दबा रही थी। वो चुद रही थी और मेरा 7” का लंड अंदर तक खा रही थी। उसकी हालत बता रही थी की उसे अभूतपूर्व आनंद की प्राप्ति हो रही थी।

दोस्तों मैंने कभी सोचा नही था की अपने मालिक की उस लड़की को मैं मैं चोदकर मजा लूँगा जिसे मैंने अपने सामने बड़ी होते हुए देखा था। अंतिका अपनी क्लास के आवारा लौंडे से भी चुदाती रहती थी। कॉलेज में ही उसे मोटे लंड खाने की आदत हो गयी थी। आज मैं इसी बात का फायदा उठा रहा था। बाथटब में ही मैं उसकी चुद्दी ढीली कर रहा था। कुछ देर बाद अंतिका अपनी गांड और कमर उपर की ओर उठाने लगी। मैं समझ गया की वो झड़ने वाली है। मैं अपने धक्को की रफ्तार बढ़ा दी। 15 मिनट उसे मैंने और पेला। फिर हम दोनों का माल साथ में छूट गया। उसकी रसीली चूत में ही मैं स्वाहा हो गया। फिर मैं उसपर लेट गया। वो मेरे सीने से चिपक गयी और मुझे किस करने लगी।

“पिंकू भैया आज तो तुमने मेरी पलंगतोड़ चुदाई कर दी” अंतिका बोली

मैंने उसके सेक्सी होठ फिर से चूसने लगा। हम दोनों का वाइन पीने का मन कर रहा था। मेरे मालिक अक्सर बाथटब में नहाते वक़्त वाइन पीते थे। मैं उठा और बाथरूम की अलमारी से वाइन की एक बोतल और 2 कांच के गिलास ले आया। फिर हम दोनों वाइन पीने लगे। मेरे लंड से कुछ बूंद माल टपक रहा था। मैंने अपने गिलास में बचा कुचा माल गिरा लिया और अंतिका को पिला दिया।

कुछ देर तक हम दोनों साथ में नंगे नंगे नहाते रहे। फिर हम बाथटब से बाहर आ गये और 69 के पोज में फर्श पर लेट गये। अंतिका मेरा लंड चूसने लगी। मैं उसकी बुर फिर से पीने लगा। इस तरह दोस्तों काफी देर तक मैं आपके मालिक की जवान चुदासी लड़की के साथ अईयाशी करता रहा। फिर हम दोनों ने साथ ही नहाया। अब अंतिका पूरी तरह से मुझसे पट गयी है। और हर दूसरे तीसरे दिन मुझे जमकर चूत दे देती है। उसकी रसीली बुर को चोद चोदकर मेरा लंड और भी लम्बा और मोटा हो गया है। वो मेरी प्यारी प्राइवेट रंडी बन गयी है। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स yachting4u.ru पर जरुर दे।

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