मेरी हिंदी कि पूरी कहानी-5

Meri Hindi Chudai Ki Poori Kahnai-5

एक दिन ऑफिस में रेखा नहीं आई मुझे बैंक में मन नहीं लगा. करीब ११ बजे ही मैं किसी बहाने से निकल कर रेखा के घर पहुंचा, दरवाजा खटखटाया, रेखा के बदले उसकी बेटी ने खोला उसने मुझे बुलाया. दरवाजा बंद किया और आंख मारते हुए कहा,

क्यों आप की रेखा बैंक नहीं आई तो उसे देखने घर तक आ गए… बहुत प्यार करते हैं मेरी मां से आप…

मुझे ड्रॉइंग रूम में अकेला छोड़कर वह अंदर चली गई… नीलम ने जो कहा था वह बिल्कुल सच था. मैं १६ सालों से रेखा को चोद रहा था लेकिन आज ही मुझे पता चला कि वह मेरे लिए सिर्फ एक औरत ही नहीं मेरी जरूरत हो गई है. मैं उससे बहुत प्यार करता हूं. मैं सोच रहा था कि नीलम दो कोल्ड्रिंग का ग्लास लेकर आई और मुझे एक ग्लास देकर बिल्कुल मेरे सामने बैठ गई

“मां कहां गई”

उसने कहा कि उसकी मौसी की तबीयत बहुत खराब हो गई सुबह ही खबर आई और वह चली गई.

हम ड्रिंक ले रहे थे और अचानक उसने सवाल किया

आप मेरे रियल पापा हो ना राघव अंकल?                                          “Hindi Chudai Ki Poori Kahnai”

नीलम मेरी बेटी नहीं थी और मैं चाहता भी नहीं था कि इतनी खूबसूरत और और नशीली लड़की मेरी बेटी हो. मैंने रेखा को पहली बार चोदा तब वह ४ साल की थी. फिर भी मैंने उसे डांटा की उसे ऐसा सोचना भी नहीं चाहिए. नीलम उठ कर मेरे सोफे के हेंड रेस्ट पर बैठ गई, बिल्कुल मुझसे चिपक कर.

“तो क्या करुं… जब से होश संभाला आप को और मम्मी को कमरे में नंगा देखा.. बहुत कुछ चेंज हुआ लेकिन आप का आना नहीं, रात करीब हर  ३ महीने हमारे घर पर रहे और मम्मी के साथ सोते रहे. मम्मी जितना खुश आपके साथ रहती है उतना कभी और नहीं…  पापा ने अपनी मम्मी से कई बार कहा है कि उनका रियल हसबैंड राघव, आप है… तो आप ही मेरे पापा हैं ना?”

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मैं धीरे से उसे खींच कर अपनी गोद में बैठाया. उसने कोई ओब्जेक्शन नहीं किया. मैंने उसके चीन को अपनी ओर घुमाया और दोनों गाल को बारी बारी चूमा.                                                                                 “Hindi Chudai Ki Poori Kahnai”

नीलम अगर तुम्हारे जैसी लड़की मेरी बेटी होती तो मैं बहुत लकी होता, जब मैं पहली बार रेखा, तुम्हारी मां के साथ सोया, सेक्स किया तब तुम चार पाच साल की थी. मैं तुम्हारा पापा नहीं, तुम मुझे अपना एक फ्रेंड समझो….

करते हुए मैंने उसके गालों को पिच किया वह खड़ी हो गई… और कहां

आप अनमैरिड होते तो मैं आप से मैरिज कर लेती.

यह बोल कर वह अपने रुम में चली गई. में भी वापस बैंक आ गया. हमारे बैंक की मार्केटिंग ऑफिसर एक २५-२६ साल की लड़की मेरा वेट कर रही थी. उसने बताया कि एक कस्टमर से अभी मिलना है जो बहुत बड़ा डिपॉजिट दे सकता है.

मैं उसके साथ निकल गया, काम खत्म होने के बाद लड़की ने कहा की उससे कुछ काम है मार्केट में. मैं उसे छोड़कर वापस आने लगा.. नीलम के बातों ने मुझे अपसेट कर दिया था. मैंने सोचा कि घर जाकर आराम करुंगा फिर लंच के बाद बैंक जाऊंगा.          “Hindi Chudai Ki Poori Kahnai”

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करीब 1:30 बजे थे, मैं घर पहुंचा. घर की एक चाबी मेरे पास भी रहती थी. मेरी जहां भी पोस्टिंग होती थी मेरी पत्नी मंजू कोई न कोई नौकरी ढूंढ लेती थी. इस नई पोस्टिंग वाली जगह पर भी उसने एक प्राइवेट कंपनी में कॉर्पोरेट ऑफिस में नौकरी पकड़ ली थी. तीनों बेटियां और मैं एक साथ घर से निकलते थे १० बजे. मंजू ९ बजे निकल जाती थी, बच्चे ४ बजे वापस आते थे मंजू ६:३० बजे तक और मैं करीब ७:३० बजे तक वापस घर आता था.

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मैंने दरवाजा यह सोचते हुए खोला की घर में कोई नहीं होगा लेकिन लॉक में चाबी डालते ही दरवाजा खुल गया. मैं चिंता करने लगा कि घर में कौन आया, मैंने इधर उधर देखा सब कुछ ठीक ठाक था अपनी जगह पर. तभी मुझे एक सॉफ्ट मोन सुनाई पड़ा. मेरा दिल धक धक करने लगा यह सोचकर मेरी बीवी किसी के साथ चुद रही है या फिर मेरी बेटी जवान हो गई है और किसी से मस्ती मार रही है.            “Hindi Chudai Ki Poori Kahnai”

कुछ देर बाद मोंन की आवाज बढ़ रही थी. मैंने अपने जूते और सॉक्स निकालें. मैंने मेरे सारे कपड़े निकाल दिए. और मैं बाथरूम की तरफ जाने लगा मैंने पेशाब किया लेकिन पानी नहीं डाला. मैंने अपने कमर पर एक टॉवल लपेट लिया. आवाज से बेटियों के रूम से नहीं हमारे बेडरूम से आ रही थी. मैंने मतलब निकाला कि मेरी वाइफ ही चुद रही है मैं कुछ कदम और आगे बढ़ा हमारे बेडरुम का दरवाजा खुला था और मोंन की आवाज साफ साफ आ रही है.

मैं दीवार से सटकर खड़ा हो गया डरते डरते मैने रूम के अंदर देखा

गोरी चिट्टी चिकनी पैर दिखाई दिये. लेकिन सिर्फ दो, चार नहीं. और यह दो पैर यक़ीनन लड़की के थे. मुझे लगा कि जो भी आदमी है वह लड़की के सर के पास खड़ा होकर प्यार कर रहा है.

मैंने अपनी गर्दन को थोड़ी तकलीफ दी

और अब पूरा घुटना मुझे दिखाई दिया घुटने के नीचे का पैर देखकर मुझे यह विश्वास हो गया कि यह मेरी पत्नी मंजू नहीं है.  तो फिर मेरी बेटियों में से कोई एक हे यह सोचते हुए टॉवेल के नीचे लौड़ा टाइट होने लगा.                                       “Hindi Chudai Ki Poori Kahnai”

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मैंने थोड़ी थोड़ी और बढाया, थोडा और…

लड़की कमर के नीचे नंगी थी. उसकी जांघे  बहुत मस्त चिकनी और चमकदार थी. और जांघो के बीच में जांटो से भरी हुई चूत थी. लड़की एक हाथ से चूत मसल रहती थी चूत में एक उंगली रखी थी.

मैं एक कदम और आगे आ गया और अपनी गर्दन को आगे बढ़ाया

लड़की का चेहरा मुझे दिखाई दिया.  यह मेरी बड़ी बेटी ममता थी जो दिखने में अपनी मां की डुप्लीकेट थी. एक हाथ से चुचियो को मसल रही थी और दूसरा हाथ चूत से खेल रहा था. उसके अगल बगल न्यूड तस्वीरें पड़ी हुई थी.. वह आंख बंद कर खुद ही मस्ती ले रही थी. मैं कमरे के अंदर घुसा वह बेड रेस्ट का सपोर्ट लेकर बैठी थी. चूची मसल रही थी. चूत  में उंगली कर रही थी और यह सब वो दोनों आंखें बंद करके कर रही थी.                                                                                                           “Hindi Chudai Ki Poori Kahnai”

टॉवल लपेटे मैं उसके बगल में खड़ा हो गया.

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