नीता की चूत की चुदाई 2

Neeta ki chut ki chudai-2

इतने में उसके फोन पर उसके पापा का फोन आ गया। उसने कहा – पापा दोस्त के घर पर हूँ, आधे घंटे में आ रही हूँ।

फोन पर बात ख़त्म करने के बाद उसने कहा – हमें चलना चाहिए।

जाते-जाते उसने कहा – आज मम्मी-पापा कहीं जाने वाले है।

मैंने कहा – ठीक है। फिर हम वहाँ से निकल गए।

मैंने उसे छोड़ कर अपने घर पर जा कर सो गया। शाम को मैं 5 बजे उठ कर दुकान पर चला गया।

मैंने देखा कि नीता के घर पर ताला लगा है। उसके घर पर ताला देख कर मैं मायूस हो गया।

दुकान पर आज सामान आया था तो मैं सामान को लगाने लग गया। सामान लगाते-लगाते मुझे 7 बज गए।

आंटी ने कहा – आज मेरी तबियत थोड़ी खराब है तो दुकान जल्दी बंद कर देना और चाबी ऊपर दे जाना।

मैने कहा – ठीक है, आप जाओ मैं दुकान बंद करके ऊपर आ रहा हूँ।

आंटी फिर ऊपर चली गईं और मैं दुकान बंद करके ऊपर चाबी देने चला गया। मैंने पूजा को चाबी दी और आंटी के बारे मे पूछने लगा जब मेरी नजर नीता के घर पर पड़ी। नीता सामने से मुझे देख रही थी।

मैं वहाँ से चला आया। रात के करीब 9:30 पर नीता का फोन आया और कहने लगी कि घर पर कोई नहीं है। मुझे बहुत ड़र लग रहा है।

मम्मी-पापा और भाई तीनों गाँव गए है वहाँ किसी की मृत्यु हो गई है। मैंने मजाक में कह दिया – मैं आ जाऊँ क्या?

इस पर वो कहने लगी – तुम कैसे आओगे? कोई देख लेगा तो?

मैंने कहा – कोई नहीं देखेगा, जब मैं कहूँ तब दरवाजा खोल देना, ठीक है।

अब मैं घर से निकल कर दुकान के पास जाकर बैठ गया।

थोड़ी देर बाद मैंने उसे फोन किया कि मैं नीचे बैठा हूँ जब कहूँ तो दरवाजा खोल देना, ठीक है।

रात के करीब 11 बजे थे चारो तरफ सन्नाटा था। मैंने नीता को फोन किया कि दरवाजा खोल कर अन्दर चली जाओ और वो दरवाजा खोल कर अन्दर चली गई।

मैंने इधर-उधर देखा और सीधा नीता के घर में घुस गया। जाते ही मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसे बेतहाशा चूमने लगा।

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चूमते-चूमते मैंने उसे बिस्तर पर गिरा दिया और उसकी छाती पर हाथ रख कर दोनों हाथों से उसकी चुचियाँ दबाने लगा। उसने अपनी आँखें बंद कर ली।

मैंने उसके हाथ ऊपर करके उसका सूट उतार दिया, उसने काले रंग की ब्रा पहनी थी।

उसके चूचे ब्रा से बाहर आने के लिए बेकाबू हो रहे थे। मैंने देर ना करते हुए उसकी ब्रा का हूक खोल दिया और मेरी आँखों के सामने उसके चूचे आ गए।

फिर मैं उसके हाथों पर हाथ लगा कर उसकी चुचियों को दबाने लगा।

मेरी पैंट में लण्ड नाग कि तरह फन उठाए खड़ा था।

मैंने उसकी दाईं चुची को अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगा, अब नीता धीरे-धीरे गरम होने लगी और उसके मुँह से अजीब सी आवाज़ें आने लगीं और उसके हाथ मेरी पीठ पर चलने लगे।

अब मैं सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा। उसकी चूत गीली हो चूकी थी। मैंने उसकी सलवार भी उतार दी।

वो अब केवल पैंटी में थी। मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और नीता के ऊपर आ गया। मैंने नीता की चूची को मुँह मे लेकर उसकी चूत को सहलाने लगा।

वो पागल हुए जा रही थी, फिर मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी। अब उसकी नंगी चूत मेरे सामने थी।

उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं थे शायद उसने आज ही बाल साफ किए थे।

मैंने उसकी चिकनी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा। वो मेरा सिर अपने दोनों हाथो से पकड़ कर चूत पर दबा रही थी। एक अजीब सी खूशबू आ रही थी उसकी चूत में।

मैं जोर से उसकी चूत मे अपनी जीभ को चलाने लगा और थोड़ी देर में उसने आह… आह… उई… आहहह… ससससस… सीसीसीसी… करते हुए पानी छोड़ दिया और मैं उसका सारा पानी पी गया।

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फिर मैंने उसे अपना लण्ड चूसने को कहा तो उसने मना कर दिया पर मेरे जोर देने पर वो मान गई और वो मेरे लण्ड पर जीभ फिराने लगी।

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थोड़ी देर जीभ फिराने के बाद उसने मेरा लण्ड अपने मुँह मे ले लिया।

मैं मानो उस समय जन्नत की सेर कर रहा था। वो मेरे लण्ड को इस तरह चूस रही थी जैसे कोई बच्चा लोलीपोप चूसता है।

मैं अपनी चरमसीमा पर पहुंच गया था। मैंने नीता से कहा कि मैं आने वाला हूँ पर वो लण्ड चूसने में इतनी मगन थी की उसे मेरी बात सुनाई ही नहीं दी और मैं उसके मुँह में ही खाली हो गया और वो सारा का सारा वीर्य पी गई।

अब हम दोनो बेड़ पर लेट गए। थोड़ी देर बाद मैंने उसे दुबारा चूमना शूरू कर दिया, वो भी मेरा साथ देने लगी।

थोड़ी देर किस करने के बाद उसने मेरा लण्ड फिर से अपने मुँह में ले लिया और वो उसे चूसने लगी। लण्ड धीरे-धीरे फिर तैयार होने लगा।

फिर हम 69 की अवस्था में आ गए। थोड़ी देर में नीता कहने लगी कि विकास अब रहा नहीं जाता, ड़ाल दो अन्दर।

मैंने उसे बेड़ पर लिटा दिया और उसकी टांगों के बीच मे आ कर उसकी चूत पर लण्ड को रख कर हल्का सा झटका मारा तो नीता के मुँह से चीख निकल गई।

मुझे लगा शायद वो पहले से चुदी होगी पर मैं गलत था। मैंने नीता से कहा कि घर पर तेल है तो ले आओ।

वो नारियल का तेल ले आई। मैंने तेल अच्छी तरह चूत और लण्ड पर लगाया फिर मैंने उसकी चूत पर लण्ड रख कर उसे किस करने लगा।

इसी दौरान मैंने नीचे से एक जोर से झटका मारा लण्ड एक ही झटके मे पूरा अन्दर तक समा गया।

नीता की चीख निकल गई वो मूझसे छूटने की नाकाम कोशिश करने लगी। मैं थोड़ी देर उसे किस करता रहा और उसकी चूची दबाता रहा।

जब वो नीचे से उचकने लगी तो मैं समझ गया की अब नीता को भी मज़ा आने लगा है।

अब मैंने ज़ोर से झटके मारने शुरू कर दिए। नीता के मुँह से आवाज़ें आनी शुरू हो गई – और करो, जोर-जोर से करो… बहुत खुजली होती है मेरी चूत में, चोद-चोद कर इसका भर्ता बना दे आज।

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उसकी आवाज़ों से मुझे और जोश आ रहा था, मैं उसे और तेज़ी से चोदने लगा।

उसकी बेशर्मी देख कर मैने भी सारी शरम छोड़ दी और अब मैं भी बोलने लगा – साली, मैं तो तुझे कब से चोदने के चक्कर में था, ले झेल मेरा लण्ड आज, इतना चोदूंगा तुझे आज की तेरी चूत में चबूतरा बन जाएगा और लण्ड बैठ कर हुक्का पिएँगे।

और ज़ोर से विकास, और जोर से, मैं जाने वाली हूँ। मैंने अपनी स्पीड़ और तेज कर दी और नीता – और चोदो… चोदो… फाड़ दो… बना दो ना चबूतरा, कहते हुए ड़िसचार्ज हो गई।

मैं लगातार झटके मार रहा था।

कुछ ही देर में नीता दुबारा तैयार हो गई, अब मैंने नीता को घोड़ी बनने को कहा।

वो घोड़ी बन गई। मैंने उसके पीछे से लण्ड उसकी चूत मे घूसा दिया कर जोर-जोर से झटके मारने शुरू कर दिया।

मेरे हर झटके पर नीता के मुँह से आह की आवाज निकलती और मैं और जोर से झटके मारता।

मैंने नीता से कहा कि मैं जाने वाला हूँ, उसने कहा – मैं भी।

मैंने उसे जल्दी से सीधा लिटाया और लण्ड घूसा कर झटके मारने शूरू कर दिए।

30-35 जोरदार झटको के बाद मैं और नीता एक साथ झड़ गए और मैं उसके ऊपर ही लेट गया। लेटे-लेटे हमारी आँख लग गई।

जब मेरी आँख खुली तो सुबह के 7 बज चूके थे।

मैंने जल्दी से नीता को जगाया। वो बेहद ड़र गई कि अब तुम जाओगे कैसे? घर पर कोई आ गया तो क्या होगा?

हमने जल्दी से अपने कपड़े पहने और इतने में किसी ने दरवाजा खटखटा दिया।

आगे की कहानी का इंतेज़ार कीजिए।

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