ट्रेन में भाभी की चूची चूसीं और चुदाई-2

Train Me Bhabhi Ki Chuchi Chusi Aur Chudai-2

अब मैं उठा और लाइट जला दी तो देखा की उसको आराम मिलने की वजह से वो आखें बंद करके सोई सी लेटी थी. कुछ देर मैं उसके खुले चूचे को देखता रहा. मेरा लंड तो यारों लोवर में तंबू बन गया था. मैं बाहर गया.

जब वापिस आया तो वो जाग गयी थी.अब वो मुझसे बोली कि तुम मेरे बेबी को ऊपर वाली सीट पे सुला दो.
उस वक्त मेरे दिमाग़ में आया कि आज ट्रेन के अंधेरे में इसकी चुदाई का मौका बन सकता है. कुछ ही देर में एक बॉटल दूध और निकालने के बाद मैंने देखा कि उसको आराम मिल रहा है और उसके चेहरे पर हल्की हल्की सुकून की मुस्कान लग रही थी.

अब तो मैं भी खुल चुका था.

तभी वो बोली- आपने मेरी बहुत हेल्प की है, आपका बहुत बहुत धन्यवाद.

उससे मेरी बात होने लगी. उसने बताया कि उसका यह बच्चा टेस्ट ट्यूब बेबी से हुआ है. उसके पति इंग्लेंड में जॉब करते हैं. उसको बहुत सालों के बाद यह बच्चा हुआ है.
थोड़ी देर बात करने के बात उसके स्तन फिर से भर गए. यह देख मैं भी हैरान था.

तभी मैंने चान्स लिया और कहा- मैडम मेरे भी हाथ थक गए हैं, अगर आप बुरा आ मानो तो क्या मैं आपका दूध पी लूँ.
पहले तो उसने मुझे बड़े अजीब से देखा, लेकिन कुछ नहीं बोली. कुछ देर बाद उसने कहा- केबिन की लाइट बंद कर दो.

मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा, मैंने झट से लाइट बंद कर दी और उसका एक स्तन अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. क्या टेस्टी दूध था उसका. अब तो मैं पूरी जान लगाकर उसका दूध पी रहा था और साथ साथ मेरा एक हाथ उसकी जाँघों पर और दूसरा पेट पर था.

थोड़ी देर बाद मैंने महसूस किया कि वो धीरे धीरे मादक सिसकारियां ले रही है. मैं समझ गया कि वो गर्म हो गयी है.

मैंने दूसरे हाथ से उसका दूसरा स्तन सहलाना शुरू किया. फिर अगले 15 मिनट तक मैंने उसके दोनों स्तनों को चूस चूस के खाली कर दिया. उतनी देर में मैंने शायद उसका काफी दूध पी लिया होगा.

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वो भी मजे में मस्त हो गई थी.

फिर मैंने उसकी ब्रा और ब्लाउज पूरा निकाल दिया और उसके ऊपर चढ़ गया. उसके होंठ पे होंठ रख कर उसके होंठों का रसपान करने लगा. मेरा लंड लोवर में सलामी दे रहा था. आप इस कहानी को yachting4u.ru में पढ़ रहे हैं।

मेरा एक हाथ उसके मम्मों को सहला रहा था, दूसरा हाथ उसकी मोटी गांड पर घूम रहा था. वो भी मेरी कमर में हाथ डाले हुयी थी. दस मिनट के लंबे चुम्बन और अधर रसपान के बाद मैंने अपनी टी-शर्ट उतारी और लोवर भी निकाल दिया.

मेरा 7 इंच का लंड किसी चोट खाए सांप की तरह फुँफकार मार रहा था. उसने भी मेरा तनतनाता हुए लंड पकड़ लिया और जोर जोर से सहलाने लगी. वो मेरा लंड ऐसे हिला रही थी, जैसे उसने ज़िंदगी में पहली बार लंड पकड़ा हो.

मैंने भी उसकी साड़ी खोल दी और पेटीकोट भी निकाल दिया. उसकी पेंटी के ऊपर चूत की जगह अपना मुँह रखकर मैंने अपने दांत गड़ा दिए.

थोड़ी देर में उस माल की चूत ने पानी छोड़ दिया और उसकी पेंटी गीली हो गयी. मैंने पेंटी उतार दी और अपना मुँह उसकी गर्म चूत में लगा दिया. उसकी चूत पर थोड़े थोड़े बाल थे और मादक मदन रस टपक रहा था, जिसे मैंने चाट चाट के साफ कर दिया.

चुत चुसाई के बाद वो बोली- मुझे तुम्हारा लंड चूसना है.
मैं भी देर ना करते हुए अपना लंड उसके होंठों के पास ले आया. उसने झट से मेरा 7 इंच लंबा लंड पकड़ कर अपने मुँह में ले लिया.. और सप सप करके चूसने लगी.

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क्या नज़ारा था, ट्रेन तेज जा रही थी और वो कांटा माल मेरा लंड भूखी कुतिया की तरह चूस रही थी. वो कभी मेरे लंड तो 5 इंच तक मुँह में लेकर जाती, तो कभी मेरे अंडकोष को मुँह में ले लेती. मैं तो समझो जन्नत में था.

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तभी मैंने उससे कहा- मेरा निकालने वाला है.
वो कुछ नहीं बोली और लंड चूसती रही. मैंने उसके मुँह में लंड की पिचकारी छोड़ दी. उसने भी मेरा सारा वीर्य पी लिया और लंड को चाट चाट कर साफ कर दिया.

अब मैं नीचे बैठ गया और उसकी चुत को अपने मुँह में ले कर बुरी तरीके से चाटने लगा. वो तो चुदास से पागल हुई जा रही थी.

फिर मैंने अपनी जीभ को नुकीला करके घुमाते हुए उसकी चूत में डाला तो वो सिहर उठी और ‘इसस्सह इसस्स स्स आहौ ऊउउफफफ्फ़.. कम ऑन.. प्लीज़ प्लीज़ सक मी..’ की आवाजें निकाल रही थी. कुछ देर में वो झड़ गयी. फिर मैंने उसकी गुदा पे जीभ फिराई, तो वो पागल हो गयी और गुदा चाटने के कारण वो मस्ती से गांड ऊपर नीचे करने लगी.

मुझे भी जोश आ गया और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. अब मैं उसकी दोनों टांगों बीच में आया और लंड का सिरा उनकी चूत पे रगड़ने लगा.
वो पागल होने लगी और बोलीं- अब डाल भी दो यार.. अब मुझसे सहन नहीं हो रहा है, मैं मर जाऊंगी.

मुझे उसकी चूत बड़ी टाइट लगी, मैंने जैसे तैसे दो इंच लंड उसकी चूत के अन्दर किया. तो वो दर्द से छटपटाने लगी. मैंने जोर से झटका दिया और पूरा लंड उसकी चूत में पार्क कर दिया. वो दर्द के मारे रोने लगी और मुझसे लंड बाहर निकालने के लिए कहने लगी. मैंने उसकी चिल्लपों पर ध्यान नहीं दिया और उसके होंठों को चूसने लगा.. स्तन दबाने लगा.
कुछ ही देर बाद उसका दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने धीरे धीरे चुदाई शुरू कर दी. मैं 2-3 मिनट तक धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करता रहा, जब मैंने देखा कि उसको मज़ा आने लगा है तो मैंने धक्के तेज कर दिए.

बस फिर क्या था, पूरे माहौल में चुदाई की ‘फचक फ़चाक फॅट फाट..’ की आवाजें आने लगीं. उसने मादक होकर पागल की हालत में मेरी पीठ में नाख़ून गड़ा दिए और ‘आआआहह.. हहउ.. उफफ्फ़.. ओ माय गॉड.. चोद दो.. मुझे प्लीज़ प्लीज़ और तेज करो.. आह..’

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दस मिनट की लगातार चुदाई के दौरान वो दो बार झड़ चुकी थी. जबकि मेरा तो अभी भी होना बाकी था.
मैंने अपनी स्पीड और तेज कर दी.
जब मैं नहीं झड़ा तो वो कहने लगी- मुझे दर्द हो रहा है.
मैंने लंड बाहर खींच लिया और उसको घोड़ी बना कर उसके पीछे से लंड डालकर चूत में लंड के धक्के देने लगा.

इस बार पांच मिनट के बाद मेरा निकलने को हुआ तो मैंने उसको बोला.
वो बोली- मेरे मुँह में डाल दो.
मैंने उसके मुँह में लंड डाल दिया और अपना रस छोड़ दिया. उसने मेरा पूरा वीर्य पी लिया.

हम दोनों बुरी तरह हांफने लगे थे और एसी में भी हमें पसीना आ गया था.

कुछ देर बाद वो रोने लगी और बोली- मेरा नाम श्रेया है, मेरे पति का लंड केवल 3 इंच का है.. और वो थोड़ी देर में शांत होकर सो जाता है. आज तुम्हारी वजह से पहली बार मुझे असली चुदाई पता चली है. मैं तुम्हें हमेशा याद रखूँगी.
उसने मुझे गले लगा लिया.

उसके बाद कोलकाता आने तक मैंने उसे 5 बार और चोदा, एक बार उसकी गांड भी मारी.

स्टेशन पर उसके घर वाले उसको लेने आए थे. उसने मेरा नंबर ले लिया था.

अब मैं जब भी कोलकाता जाता हूँ, तो उसको होटल में बुलाकर जबरदस्त तरीके से चोदता हूँ. दोस्तो, क्या रंगीन सफ़र था, आज भी सोचता हूँ.. तो लगता है कि मैंने ऐसा सपने में भी नहीं सोचा था.

मेरी कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज़ बताए ताकि मैं, आपका मीत, जल्द ही अपने दूसरे अनुभव आपको भी बता सकूं. अपनी राय लिखें.

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